यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ गाँव के किनारे एक पुराना कब्रिस्तान था। उस कब्रिस्तान के बारे में कई अजीबोगरीब कहानियाँ प्रचलित थीं। गाँव के लोग कहते थे कि वहाँ रात के समय कुछ अजीब होता है, और लोग वहाँ जाने से कतराते थे।
राहुल, जो गाँव का ही एक युवा लड़का था, इन कहानियों पर यकीन नहीं करता था। वह एक जिज्ञासु स्वभाव का था और रहस्यों को सुलझाने में उसकी रुचि थी। राहुल के दोस्तों ने उसे कई बार कब्रिस्तान के बारे में डरावनी बातें बताई थीं, लेकिन राहुल ने हर बार उन बातों को मज़ाक समझा और उनकी अनदेखी की।
एक रात की बात है, जब राहुल अपने दोस्तों के साथ गाँव के बाहर बैठा था। बातचीत के दौरान फिर से कब्रिस्तान का जिक्र हुआ। एक दोस्त ने कहा, “कहा जाता है कि रात को कब्रिस्तान में एक सफेद साया घूमता है, और जिसने भी उसे देखा, वह वापस लौटकर कभी कुछ नहीं कह पाया।” राहुल ने मजाक में हंसते हुए कहा, “यह सब तुम्हारी कल्पना की बातें हैं। मैं तो अभी वहाँ जाकर आ सकता हूँ।”
उसके दोस्तों ने उसे चुनौती दी, “अगर इतना ही हिम्मती हो, तो आज रात कब्रिस्तान में जाकर दिखाओ।” राहुल ने बिना कुछ सोचे समझे चुनौती स्वीकार कर ली। उसके दोस्तों ने उसे चेतावनी दी, “सोच लो, राहुल! यह कोई मजाक नहीं है। वहाँ कुछ अजीब ज़रूर है।” लेकिन राहुल ने उनकी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा, “मुझे डर नहीं लगता। मैं अभी जा रहा हूँ।”
राहुल ने अपनी टॉर्च उठाई और अकेले ही कब्रिस्तान की ओर चल पड़ा। रास्ते में ठंडी हवा चल रही थी, और पूरा माहौल अजीब सा लग रहा था। जैसे ही वह कब्रिस्तान के पास पहुँचा, उसने महसूस किया कि वहाँ की हवा में कुछ भारीपन था। कब्रिस्तान के दरवाजे पुराने और जंग लगे हुए थे, जो हवा के झोंकों से धीरे-धीरे चरमरा रहे थे।
राहुल ने दरवाजा खोला और अंदर दाखिल हो गया। वहाँ चारों ओर घुप्प अंधेरा था, और सिर्फ उसकी टॉर्च की हल्की रोशनी उसे रास्ता दिखा रही थी। चारों ओर पुरानी कब्रें थीं, और कुछ कब्रों पर जंगली घास उगी हुई थी।
राहुल धीरे-धीरे कब्रों के बीच से गुजरने लगा, लेकिन अचानक उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उसे देख रहा हो। उसने इधर-उधर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। फिर उसने सोचा कि शायद यह उसकी कल्पना मात्र है और वह आगे बढ़ गया।
जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता गया, उसकी धड़कनें तेज होती गईं। अचानक, उसे एक कब्र के पास किसी के कदमों की आवाज़ सुनाई दी। वह तुरंत रुक गया और टॉर्च की रोशनी उस दिशा में घुमाई, लेकिन वहाँ कुछ नहीं था। राहुल का दिल अब तेजी से धड़कने लगा, लेकिन उसने खुद को शांत किया और आगे बढ़ने की कोशिश की।
तभी उसकी टॉर्च की रोशनी अचानक झपकी, और वह बंद हो गई। राहुल ने टॉर्च को बार-बार जलाने की कोशिश की, लेकिन वह चालू नहीं हुई। अब अंधेरे में घिरा राहुल घबराने लगा था। तभी, अचानक उसे सामने एक सफेद साया दिखाई दिया। वह साया धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था।
राहुल ने पीछे हटने की कोशिश की, लेकिन उसके पैर किसी चीज़ से टकरा गए, और वह गिर पड़ा। साया उसके और करीब आ चुका था। राहुल ने अपने होश संभालते हुए ज़ोर से चिल्लाया, “क-कौन हो तुम?” लेकिन कोई जवाब नहीं आया। साया उसके और करीब आ गया और उसके ऊपर झुक गया।
राहुल की सांसें थमने लगीं। साये की आँखें गहरे लाल थीं, और उसका चेहरा विकृत था। उसने डर से अपनी आँखें बंद कर लीं और सोचा कि अब वह शायद बच नहीं पाएगा। लेकिन तभी, एक आवाज़ आई, “राहुल, उठो!”
राहुल ने अपनी आँखें खोलीं, और देखा कि उसका दोस्त श्याम सामने खड़ा था। श्याम ने बताया कि वह राहुल के पीछे-पीछे आ गया था क्योंकि उसे चिंता हो रही थी कि राहुल अकेले यहाँ न आए। साया अब गायब हो चुका था, लेकिन राहुल अभी भी डर के मारे कांप रहा था।
श्याम ने राहुल को सहारा देकर उठाया और दोनों तेज़ी से कब्रिस्तान से बाहर निकले। बाहर निकलते ही राहुल ने गहरी सांस ली और अपने दोस्त को धन्यवाद कहा। उसने अब महसूस किया कि उस जगह के बारे में कही जाने वाली कहानियाँ सच थीं।
राहुल ने अपने दोस्तों को अगली सुबह सब कुछ बताया। वह जान गया था कि कुछ रहस्यों को छेड़ना खतरनाक हो सकता है और कभी-कभी उन चीजों पर विश्वास करना चाहिए जो हम देख नहीं पाते। उसके बाद, राहुल और उसके दोस्तों ने कभी भी कब्रिस्तान के बारे में मज़ाक नहीं किया और न ही रात में वहाँ जाने की हिम्मत की।
कहानी का संदेश:
यह कहानी हमें बताती है कि कुछ रहस्य और कहानियाँ वाकई में डरावनी हो सकती हैं। हमें अपने जिज्ञासु स्वभाव के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी चाहिए। हर जगह जाने और हर चीज़ को अनुभव करने की ज़रूरत नहीं होती, खासकर जब वो जगहें या बातें अलौकिक मानी जाती हैं।
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