रहस्यमयी जंगल का खौफ
अमित और उसके तीन दोस्त — विकास, सुमन, और नीरज — हमेशा रोमांचक यात्राओं के शौकीन रहे हैं। वे हर साल किसी न किसी नए और रहस्यमय स्थान की खोज पर निकलते हैं। इस बार उन्होंने एक ऐसी जगह चुनी, जो अपनी डरावनी कहानियों और अजीबोगरीब घटनाओं के लिए जानी जाती थी — “काला जंगल।” कहा जाता था कि इस जंगल से अब तक जो भी अंदर गया, वह कभी वापस नहीं लौटा।
यह सुनने में जितना खतरनाक लगता था, अमित और उसके दोस्तों के लिए उतना ही रोमांचकारी था। वे डरने वाले नहीं थे और उन्हें यकीन था कि ये सारी बातें सिर्फ अफवाहें हैं। उनके लिए यह एक और एडवेंचर था, जिसे वे एक बार फिर सफलतापूर्वक पूरा करने वाले थे।
शाम होते ही चारों दोस्तों ने अपनी यात्रा शुरू की। जंगल के नजदीक पहुँचते ही एक अजीब सन्नाटा छा गया। सुमन ने मजाक में कहा, “लगता है, जंगल भी हमारे स्वागत के लिए तैयार है।” लेकिन नीरज ने उसके मजाक पर ध्यान नहीं दिया। उसे अचानक एक अजीब सी बेचैनी महसूस होने लगी। “कुछ तो गड़बड़ है,” उसने कहा, “यहाँ की हवा भी अजीब है।”
विकास ने हंसते हुए कहा, “तू ज्यादा सोच मत। यह सिर्फ तेरा वहम है। चलो, आगे बढ़ते हैं।” चारों दोस्त हंसते-मुस्कराते जंगल में घुस गए। अंधेरा तेजी से बढ़ रहा था, और उनके चारों तरफ घने पेड़ थे, जिनके बीच से मुश्किल से ही रास्ता दिखाई दे रहा था। अचानक, जंगल में हलचल शुरू हो गई। पत्तों की सरसराहट और दूर से आती किसी जानवर की आवाज़ ने माहौल को और भी रहस्यमय बना दिया।
जंगल के अंदर घुसते ही उनके मोबाइल के नेटवर्क भी चले गए। यह कुछ ज्यादा ही अजीब था क्योंकि जंगल इतना घना नहीं था कि सिग्नल गायब हो जाएं। अमित ने हंसते हुए कहा, “लगता है, यह जंगल हमें किसी से बात नहीं करने देना चाहता।”
कुछ दूर चलते-चलते, अचानक सुमन ने देखा कि रास्ते के किनारे एक पुरानी लकड़ी की झोपड़ी थी। “अरे, वह देखो! कोई झोपड़ी है। शायद कोई जंगल का आदमी यहाँ रहता हो,” सुमन ने कहा। लेकिन झोपड़ी को देखकर नीरज की बेचैनी और बढ़ गई। “मुझे नहीं लगता कि हमें वहाँ जाना चाहिए,” उसने धीरे से कहा।
विकास और अमित ने इसे अनदेखा करते हुए झोपड़ी की ओर बढ़ने का फैसला किया। वे झोपड़ी के पास पहुंचे तो देखा कि दरवाज़ा थोड़ा खुला हुआ था। अंदर अंधेरा था, और एक अजीब सी गंध आ रही थी। अमित ने हिम्मत करके दरवाज़ा खोला और अंदर झाँका। अंदर कुछ पुराने बर्तन और फर्नीचर फैले हुए थे, मानो वहाँ कोई बहुत समय पहले रहता था। लेकिन सबसे अजीब बात यह थी कि दीवारों पर अजीबोगरीब निशान और चित्र बने हुए थे, जो किसी अनजानी भाषा में लिखे हुए प्रतीत हो रहे थे।
“यहाँ कुछ तो गड़बड़ है,” सुमन ने धीरे से कहा। लेकिन विकास अब भी इस रोमांच को हल्के में ले रहा था। “अरे, यह तो किसी पागल कलाकार का काम लगता है। चलो, यहाँ से निकलते हैं,” उसने कहा।
वे झोपड़ी से बाहर निकले ही थे कि अचानक जंगल में हवा का बहाव और तेज हो गया। पेड़ों की शाखाएं एक-दूसरे से टकराने लगीं, और अजीब सी आवाज़ें चारों तरफ गूंजने लगीं। अमित ने अपने दोस्तों को तेज़ी से आगे बढ़ने का इशारा किया। लेकिन जैसे-जैसे वे आगे बढ़ते गए, जंगल का रास्ता और भी पेचीदा होता गया। उन्हें लगने लगा कि वे रास्ता भटक गए हैं।
“हमें वापस चलना चाहिए,” नीरज ने घबराते हुए कहा। “यह जंगल वैसा नहीं है, जैसा हमने सोचा था। यहाँ कुछ बहुत गलत है।” लेकिन अब वे जिस दिशा में भी जाते, वह उन्हें पहले से भी अनजान और अंधेरी लगती। अचानक, उन्हें दूर एक रोशनी दिखाई दी। रोशनी की ओर बढ़ते हुए वे एक पुराने मंदिर के खंडहर के पास पहुंचे। यह जगह बेहद रहस्यमय थी। मंदिर की दीवारों पर वही अजीबोगरीब निशान और चित्र बने हुए थे, जो उन्होंने झोपड़ी में देखे थे।
“यह क्या जगह है?” सुमन ने कांपते हुए पूछा। अमित ने कुछ बोलने ही वाला था कि अचानक मंदिर के अंदर से एक डरावनी आवाज़ आई। वे चारों ठिठक गए। आवाज़ धीरे-धीरे उनके करीब आ रही थी। अमित ने अपने दोस्तों को इशारा किया कि वे चुप रहें और वहाँ से धीरे-धीरे पीछे हटने लगे। लेकिन जैसे ही वे पलटे, एक भीमकाय काले साये ने उनका रास्ता रोक लिया। उसकी आंखें लाल थीं और उसका चेहरा किसी इंसान का नहीं, बल्कि किसी खतरनाक प्राणी का था।
“यह… यह क्या है?” नीरज ने घबराते हुए कहा। लेकिन उनके पास जवाब देने का समय नहीं था। वह साया धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रहा था। उन्होंने जितनी तेजी से हो सकता था, भागने की कोशिश की, लेकिन जंगल में हर दिशा में वही साया दिखाई देने लगा।
विकास ने हिम्मत जुटाकर एक रास्ता ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वे जितना भागते, जंगल और भी गहराता जाता। उनके चारों तरफ अंधेरा छा चुका था। सुमन की चीख सुनकर वे पलटे तो देखा कि वह गायब हो चुकी थी। “सुमन!” अमित चिल्लाया, लेकिन उसकी आवाज़ जंगल की गहराइयों में खो गई।
अब सिर्फ अमित, नीरज और विकास बचे थे। तीनों के चेहरे पर डर साफ झलक रहा था। वे एक-दूसरे की ओर देखे बिना भागते जा रहे थे। लेकिन तभी नीरज ने ठोकर खाई और गिर पड़ा। अमित और विकास उसे उठाने के लिए रुके, लेकिन तभी वह साया उनके सामने आ खड़ा हुआ। नीरज ने कांपते हुए पीछे हटने की कोशिश की, लेकिन वह साया उसकी ओर बढ़ता चला गया।
अमित ने अपने दोस्तों को बचाने की आखिरी कोशिश की, लेकिन वह भी बेबस था। साया ने नीरज की ओर हाथ बढ़ाया और वह अचानक गायब हो गया। विकास और अमित अब पूरी तरह से डर चुके थे। वे जितनी तेज़ी से हो सकता था, उस खंडहर मंदिर की ओर भागने लगे, जहां से यह सब शुरू हुआ था। लेकिन जैसे ही वे मंदिर पहुंचे, मंदिर की दीवारों से अचानक वही साये निकलने लगे और दोनों को घेर लिया।
उस रात काले जंगल में क्या हुआ, यह कोई नहीं जान सका। अगले दिन गाँव वालों ने देखा कि जंगल के पास अमित और उसके दोस्तों की खाली गाड़ी खड़ी थी। लेकिन उनमें से कोई भी वापस नहीं आया। कहा जाता है कि आज भी उस काले जंगल में उन चार दोस्तों की आवाजें सुनाई देती हैं, जो रहस्यमय रूप से गायब हो गए थे। लोग कहते हैं कि वह जंगल आज भी अपने भीतर कुछ भयानक राज छिपाए हुए है, जिसे अब तक कोई नहीं सुलझा पाया।
कहानी से सीख
कभी-कभी रोमांच की तलाश में हम ऐसी जगह पहुँच जाते हैं, जहाँ से लौटना मुश्किल हो जाता है। हमें अज्ञात की ओर कदम बढ़ाने से पहले हमेशा सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि हर जगह हमारे लिए नहीं होती।