भूतिया हवेली का रहस्य

गाँव के बाहर एक पुरानी और खंडहरनुमा हवेली थी जिसे लोग “भूतिया हवेली” के नाम से जानते थे। हवेली के बारे में बहुत सी डरावनी कहानियाँ मशहूर थीं। कहते थे कि वहाँ रात में अजीब-अजीब आवाजें आती थीं और किसी ने भी जो रात में वहाँ जाने की कोशिश की, वह वापस नहीं लौटा। गाँव के लोग उस हवेली से दूर रहते थे और वहाँ जाने की हिम्मत कोई नहीं करता था।

राहुल, एक निडर और जिज्ञासु युवक, हमेशा से भूत-प्रेत जैसी चीज़ों में विश्वास नहीं करता था। वह शहर में पढ़ाई कर रहा था और छुट्टियों में अपने गाँव आया था। जब उसने हवेली की कहानियाँ सुनीं, तो उसे उन पर विश्वास नहीं हुआ और उसने खुद वहाँ जाकर सच जानने का फैसला किया। उसकी जिज्ञासा इतनी बढ़ गई कि उसने ठान लिया कि वह रात में उस हवेली में जाकर रहस्य सुलझाएगा।

राहुल के दोस्तों और परिवारवालों ने उसे इस कदम से रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। वह हंसते हुए बोला, “भूत-प्रेत जैसी कोई चीज़ नहीं होती। मैं जाकर देखूंगा कि आखिर वहाँ क्या है।” अंततः उसने अकेले ही उस भूतिया हवेली में जाने का फैसला किया।

हवेली की पहली रात

रात का समय हो गया था। पूरा गाँव सोने की तैयारी कर रहा था, लेकिन राहुल ने अपनी बैग में एक टॉर्च, मोबाइल और कुछ खाने-पीने की चीज़ें रखीं और चुपचाप हवेली की ओर निकल पड़ा। हवेली गाँव से थोड़ी दूर थी और वह पैदल ही चल पड़ा। चाँदनी रात थी, लेकिन हवेली के पास पहुँचते ही अंधेरा घना होने लगा। हवेली के चारों ओर घने पेड़ थे, जो हवा के साथ सरसराते हुए डरावनी आवाजें पैदा कर रहे थे।

राहुल ने अपने कदम तेज़ किए और हवेली के गेट पर पहुँच गया। गेट पुराना और जंग लगा हुआ था। उसने गेट को धकेला, और उसकी कर्कश आवाज़ सुनाई दी। गेट खुला और राहुल अंदर दाखिल हो गया। हवेली के अंदर घुसते ही एक अजीब-सा ठंडा माहौल उसे महसूस हुआ। हवेली के अंदर के कमरे खंडहर हो चुके थे, दीवारों पर जाले लगे थे, और फर्श पर धूल की मोटी परत थी।

राहुल ने टॉर्च जलाकर हवेली के कमरों को खंगालना शुरू किया। सब कुछ बिल्कुल सुनसान था। कुछ देर तक उसे कुछ भी अजीब नहीं लगा, और वह सोचने लगा कि शायद लोग बस बेवजह इस हवेली को डरावनी मानते हैं।

अजीब आवाज़ें

राहुल अभी हवेली के एक कोने में था कि अचानक उसे एक अजीब-सी आवाज़ सुनाई दी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई दीवार के पीछे से बुदबुदा रहा हो। उसकी धड़कनें थोड़ी तेज़ हो गईं, लेकिन वह साहस के साथ आवाज़ की दिशा में बढ़ा। आवाज़ हवेली के अंदर वाले एक बड़े हॉल से आ रही थी।

राहुल ने जब हॉल में कदम रखा, तो उसे महसूस हुआ कि वहाँ की हवा अचानक और ठंडी हो गई है। उसे अपनी पीठ पर कुछ सरसराहट महसूस हुई, जैसे कोई उसके पास से गुजरा हो। वह मुड़ा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। उसने सोचा कि यह उसकी कल्पना हो सकती है और आगे बढ़ने लगा। तभी, दरवाजे के पीछे से अचानक एक दरार जैसी खुलने की आवाज़ आई। राहुल की टॉर्च की रोशनी उस दरवाजे पर पड़ी, और दरवाजा धीरे-धीरे अपने आप खुलने लगा।

राहुल ने डर को दबाया और दरवाजे के अंदर झाँकने की कोशिश की। कमरा बिल्कुल अंधेरे में डूबा हुआ था, लेकिन अंदर से हल्की-हल्की आवाज़ें आ रही थीं, जैसे कोई रो रहा हो। राहुल ने हिम्मत जुटाई और कमरे के अंदर गया। कमरे के बीचों-बीच एक पुरानी कुर्सी पड़ी थी, और उस पर एक महिला का धुंधला सा साया दिखाई दे रहा था। महिला अपने बालों को ढँके बैठी थी, और उसकी पीठ राहुल की ओर थी।

राहुल ने घबराते हुए पूछा, “आप कौन हैं? यहाँ क्या कर रही हैं?”

महिला ने धीरे से सिर उठाया और बिना मुड़े बोली, “तुम यहाँ क्यों आए हो? ये जगह तुम्हारे लिए नहीं है।”

राहुल को ठंड लगने लगी थी, लेकिन उसने साहस बनाए रखा। उसने कहा, “मैं यहाँ सिर्फ ये जानने आया हूँ कि लोग इस हवेली को भूतिया क्यों कहते हैं। मुझे कोई डर नहीं लगता।”

महिला ने धीरे से अपना सिर घुमाया, और जब राहुल ने उसका चेहरा देखा, तो उसकी चीख निकल गई। महिला का चेहरा खून से सना हुआ था, और उसकी आँखें बिल्कुल सफेद थीं। उसकी मुस्कान डरावनी थी, मानो वह राहुल का अंत करने के लिए तैयार हो।

राहुल ने तुरंत भागने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही उसने दरवाजे की ओर कदम बढ़ाया, दरवाजा अपने आप बंद हो गया। पूरा कमरा घने अंधकार में डूब गया और राहुल को ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई अदृश्य ताकत उसे जकड़ रही हो।

भूतिया राज का पर्दाफाश

राहुल ने अपने जीवन की सबसे खतरनाक स्थिति में खुद को पाया। वह समझ नहीं पा रहा था कि अब क्या किया जाए। तभी उसे अपने दादा की दी हुई एक छोटी सी लोहे की मूर्ति याद आई, जो उसने अपनी जेब में रखी हुई थी। उसके दादा ने कहा था, “ये मूर्ति तुझे हर बुरी आत्मा से बचाएगी।”

राहुल ने कांपते हाथों से मूर्ति को निकाला और जैसे ही वह मूर्ति को सामने लाया, कमरे में चारों ओर तेज़ रोशनी फैल गई। उस रोशनी के कारण महिला का साया चिल्लाया और गायब हो गया। हवेली की दीवारें हिलने लगीं और अचानक पूरा माहौल बदल गया। हवेली की खिड़कियाँ और दरवाजे ज़ोर-ज़ोर से बंद होने लगे, और हवेली की छत से धूल गिरने लगी।

राहुल ने मूर्ति को अपने सीने से लगाकर दरवाजे की ओर दौड़ लगाई। उसने दरवाजे को जोर से धक्का दिया और दरवाजा खुल गया। वह बाहर की ओर भागा और सीधा गाँव की ओर निकल पड़ा। उसके पीछे हवेली से डरावनी आवाज़ें आ रही थीं, जैसे कोई उसके पीछे दौड़ रहा हो, लेकिन उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

गाँव का सच

अगली सुबह, जब राहुल गाँव पहुंचा, तो वह पसीने में डूबा हुआ था। उसके चेहरे पर डर और थकावट साफ झलक रही थी। गाँव वालों ने उसे इस हालत में देखा तो सभी चौंक गए। राहुल ने सबको हवेली में बीती रात की आपबीती सुनाई।

गाँव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति ने उसकी बात सुनकर कहा, “तुमने जिस महिला को देखा, वह इस हवेली की असली मालकिन थी। कई साल पहले, हवेली के मालिक ने उसे धोखे से मार दिया था और उसकी आत्मा आज भी वहाँ भटक रही है। उसने तब से किसी को चैन से नहीं रहने दिया, जो भी उस हवेली में गया, उसकी मौत हो गई। लेकिन तुम्हारे पास जो मूर्ति थी, वह उस बुरी आत्मा को रोकने के लिए बनाई गई थी।”

राहुल अब समझ गया था कि क्यों उस हवेली को भूतिया कहा जाता था और लोग उससे डरते थे। वह अपने दादा का शुक्रगुजार था, जिनकी दी हुई मूर्ति ने उसकी जान बचाई थी।

निष्कर्ष

राहुल ने अपनी जिज्ञासा की कीमत पर एक खतरनाक अनुभव का सामना किया, लेकिन वह इस घटना से सीख चुका था कि हर जगह के पीछे एक रहस्य छिपा होता है और कुछ रहस्यों को वैसे ही रहने देना चाहिए। उसने गाँव वालों से वादा किया कि अब वह कभी हवेली के करीब नहीं जाएगा और दूसरों को भी सावधान करेगा।

इस घटना के बाद हवेली को पूरी तरह बंद कर दिया गया और गाँव वालों ने वहाँ जाना बंद कर दिया। हवेली का रहस्य हमेशा के लिए वहीं दबा रह गया, और अब कोई भी उसकी ओर जाने की हिम्मत नहीं करता था।

कहानी से सीख

कभी-कभी कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें जानने की कोशिश करना हमारे लिए खतरनाक हो सकता है। जिज्ञासा अच्छी होती है, लेकिन जब यह हमारी सुरक्षा से जुड़ी हो, तो सावधान रहना आवश्यक है।

"मैं एक दसवीं कक्षा का छात्र हूँ, जो हिंदी साहित्य और कहानियों का शौक रखता हूँ। मेरी वेबसाइट पर आप विभिन्न प्रकार की हिंदी कहानियों का आनंद ले सकते हैं, चाहे वो प्राचीन लोक कथाएँ हों, प्रेरणादायक कहानियाँ, या मनोरंजक लघु कहानियाँ। मेरा उद्देश्य हिंदी भाषा और उसकी समृद्ध साहित्यिक धरोहर को युवा पीढ़ी के बीच पहुँचाना है, ताकि उन्हें भी इन कहानियों के माध्यम से कुछ नया सीखने और सोचने का मौका मिले।"

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